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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

मन की पुकार

मन की पुकार

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जीवन की खिड़की से, तुमको निहारूं मैं

सतरंगी आसमां में, तुमको पुकारूँ मैं


हो तुम कहां मेरे सांवरिया, तुम्हें हर पल पुकारूँ मैं

सतरंगी आसमां में, तुमको निहारूं मैं


तेरी छवि हीं दिखें, जब तुमको पुकारूँ मैं

हो तुम कहां मेरे रंग रसिया, तुम्हें हर पल पुकारूँ मैं


तेरे हीं साथ जीवन पल हैं सजाएं,

तेरे हीं पास मेरे मन की दुआएं,


मोहन मुरारी, ओ बांके बिहारी

तुम्हें हर पल पुकारूँ मैं,

जीवन की खिड़की से, तुमको निहारूं मैं.......


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