मन बदल जाये
मन बदल जाये


काबिज़ है अभी तक
जो दिल पर कब्जा तेरा
पता नहीं, जाने कब कहाँ से आँधी चले
और मालिकाना हक बदल जाये
अभी तक तो ड़ोर है तेरे हाथ में
इतना भी मत खींच की ड़ोर
टूट जाये
और उम्र भर का अफ़सोस रह जाये
मन के रिश्ते से बंधी हूँ तुझसे
संभाल ले
मनचली हूँ जाने कब मन बदल जाये