ममता की भाषा
ममता की भाषा
बीस साल की माँ थी वो
बच्चे से बातें कर रही
नों महीने का था बेटा
खेलती ,जी भर रही
माँ ने पूछा “भूख लगी है “
बेटे ने ऊँ हूं कहा
समझ गयी बेटे की बोली
दूध उसको दे दिया
पूछा फिर कुछ और चाहिए
बेटे ने ना ना कहा
गोद में लेकर उसे
झुलाया और सुला दिया
एक घंटा सो ली माँ भी
बेटा फिर था रो रहा
डायपर गीला हो गया क्या ?
बेटे ने हां हां कहा
डायपर बदला माँ ने फिर
गोद में उसको लिया
माँ ने जब की गुदगुदी
तो बेटे ने हा हा कहा
माँ की ऊँगली चूसता वो
पूछा अब क्या खायेगा
दाल तेरी ले कर आऊं
बेटे ने जा जा कहा
तुमको किसके पास छोडूं
शरारती तू है बड़ा
बता मैं अब किसको बुलाऊँ
बेटे ने पा पा कहा
पापा नहीं हैं कौन आए
उसने फिर दा दा कहा
पूरी कटोरी दाल खा ली
फिर भी वो रोने लगा
पेट तेरा भर गया है
तू अब भी क्यों है रो रहा
रोते रोते सांस ली और
उसने फिर गा गा कहा
लोरी उसको जब सुनाई
उसे नींद थी आने लगी
गोद में सोया है किसकी ?
सोते हुए माँ माँ कहा
ममता की ये भाषा है
इसे हम नहीं पहचानते
बेटे और माँ की ये बातें
वो दोनों ही हैं जानते।
