मिट्टी से फिर मिट्टी हो जाना
मिट्टी से फिर मिट्टी हो जाना
मिट्टी से मिट्टी तक
फिर मिट्टी हो जाना
इतना सा ही तो है
ज़िंदगी का अफसाना।
फिर किस बात का रोना धोना
और किस बात पर इतराना
ना कुछ तेरा,
ना कुछ मेरा।
सब यहीं का यहीं रह जाना
फिर किस बात पर अफ़सोस
और किस बात पर गुरुर
कर जाना।
जब तय है मिट्टी से
फिर मिट्टी हो जाना
