मित्र
मित्र

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हवन की आहुति बनता नहीं अब।
नीलाम हवाओं से डरता नहीं मन।
लाजवाब हो गई है जिंदगी मेरी।
जिंदा हूँ का एहसास जो कराते हैं मित्र सब।
हौसले हर शिकस्त के बाद भी बुलंद है।
दोस्तों के साथ ने किया ऊंचा मेरा कद है।