Miss you
Miss you
तुम जब भूल गए हमें
हम क्यों ना तुम्हें भूल पा रहे ।
जब तुमसे नफरत करेंगे सोच लिया था
फिर अंदर ही अंदर क्यूं तुमसे हम आस लगाए बैठे
की तुम एक दिन आ के कहोगे तुम मेरे हो
तुम से दिल का रिश्ता हम कभी तोड़ ना सकते ।
ना जाने जब इस कमबख़्त दिल को समझा दिया था
तुमसे अगर अब भी बहुत जारी रखी तो गुनाह होगा
फिर भी क्यूं ये न समझी हम करने लगे ।
लाख हम कह ले हम आगे बढ़ चुके है
लेकिन फिर भी हम तुम्हें भुला ना सके ।