मेरे प्रियतम
मेरे प्रियतम
तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान के लिए
तो हम तुम्हे रोज देखने को तरसे है
और हर वक्त यही सोच के जलते है की
हमारे सिवा तुम्हारी हँसी का कोई और न कारण बन जाए।
तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान के लिए
तो हम तुम्हे रोज देखने को तरसे है
और हर वक्त यही सोच के जलते है की
हमारे सिवा तुम्हारी हँसी का कोई और न कारण बन जाए।