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Neeraj "NeeR"

Romance

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Neeraj "NeeR"

Romance

“मीत“

“मीत“

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इक टूटे ख्वाब सा बिखर जाने दो मुझे

बना लो अपना मीत या मर जाने दो मुझे

तुमको क्या पता ये तन्हाई क्या होती है

अब तन्हा ही इस कब्र में सो जाने दो मुझे

तुम तो आते हो और चले जाते हो मुट्ठी के रेत सा

अब उसी रेत सा उड़ जाने दो मुझे

अक्सर गुजारी है जिंदगी तन्हा ही मैंने

और नही रहा जाता इंतजार में तेरे

इसलिए अब ख़ाक ही हो जाने दो मुझे।।”नीर”


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