गुमसुम
गुमसुम
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जब होता हूँ गुमसुम मैं
कुछ अपने याद आते हैंं
कुछ पल भर ठहर जाते हैंं
कुछ गुमनाम हो जाते हैंं
अजनबी बनकर वो
हमसे यूँ ही रूठ जाते हैंं
कुछ अबद मेरे दिल को
यूँ बार – बार तड़पाते हैंं
जब याद उनकी आती हैं
वो आइना बन जाते हैंं
देख लेता हूँ अगर मैं
वो मुस्कुरा के चले जाते हैंं।
फकत मेरे दिल को यूँ
बार – बार तड़पाते हैंं
जब होता हूँ गुमसुम मैं
कुछ अपने याद आते हैंं
हैं, आरज़ू मेरी उनसे
जो दिल से दिल मिलाते हैंं
ढूंढ़ते हुए मुझे इश्क के
गुलिस्तां में चले जाते हैंं
ना करें वो रुखसत मुझे दिल से
जो ख्वाबों में मुझे
अकेला छोड़ जाते हैंं
कभी जिंदगी ने साथ छोड़ा
कभी अपने छोड़ जाते हैंं
क्यों मेरे दिल को यूँ
बार – बार तोड़ जाते हैंं
क्या जिंदगी में मेरी
मुझे सताने ही आते हैंं
जब होता हूँ गुमसुम मैं
कुछ अपने याद आते हैंं।