एहसास
एहसास
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अब एहसास ना दिला तेरे होने का
भूल जाने दे मुझे तेरी सांसों को
तेरा रोना,तेरा हंसना ,
तेरा मेरे नाम को हर पल गुनगुनाना
तेरा आना ,और आ कर यूं ही चले जाना
ये सब इक फरेब है
सच है तो सिर्फ ये
कि मैं था तेरा पर ,अब तू है किसी और की
इसलिए
अब एहसास ना दिला तेरे होने का
भूल जाने दे मुझे तेरी सांसों को
यूं ही मिली थी तू
उन अरमानों के मजार पर
तूने कहा था मुझसे मेरी नज़रें उतार कर
ये आंखें, ये जुल्फें ,
ये होंठ, ये काया, अब सब तेरा है
पर अब क्या हुआ
कहां गई तू दिल के टुकड़े हज़ार कर
इसलिए
अब एहसास ना दिला तेरे होने का
भूल जाने दे मुझे तेरी सांसों को।।
