Karuna Atheya
Classics
भाया जोग,
छोड़ा भोग।
लागी प्रीत,
कान्हा मीत।
जागे पीर,
नैना नीर।
देखे मीत,
गाये गीत।
लेती नाम,
मीरा, श्याम।
सच्चा सार,
होता प्यार।
पूजे ईश,
देवाशीष।
छूटी साँस,
पूरी आस।
चाहा श्याम,
पाया नाम।
मीरा प्रीत,
सच्ची रीत।
मच्छर
बेटी
रिश्ते
मीरा
मृत्यु
बनारस
नेहाशीष
वेदना
जीवन लगता प्य...
मानवमात्र अपितु सृष्टि की नश्वर कृति एक संकाया है ! मानवमात्र अपितु सृष्टि की नश्वर कृति एक संकाया है !
समुचित मान मिले तो स्त्री पहाड़ से सख्त और नदिया सी चंचल और फूलों सी कोमल बन जाती है। समुचित मान मिले तो स्त्री पहाड़ से सख्त और नदिया सी चंचल और फूलों सी कोमल बन...
राजा सिद्धार्थ माँ त्रिशला की संतान, चैत्र सुद तेरस को जन्मे महावीर महान। राजा सिद्धार्थ माँ त्रिशला की संतान, चैत्र सुद तेरस को जन्मे महावीर महान।
तमन्ना दिल की अब बस है यही, बस दो पल का हो पर तेरा साथ हो। तमन्ना दिल की अब बस है यही, बस दो पल का हो पर तेरा साथ हो।
इन्द्र ने भेजा कामदेव को भंग करने शिव समाधि को। इन्द्र ने भेजा कामदेव को भंग करने शिव समाधि को।
महाशिवरात्रि की रात सजे शिव-मन्दिर, सजे घाट-घाट सभी दोहराएं शिव-बारात। महाशिवरात्रि की रात सजे शिव-मन्दिर, सजे घाट-घाट सभी दोहराएं शिव-बारात।
विधना ने कैसा लिखा, पढ़ न पाये बात वेदना सही माँ ने, पड़ोसन खाये दाल-भात। विधना ने कैसा लिखा, पढ़ न पाये बात वेदना सही माँ ने, पड़ोसन खाये दाल-भात।
अयोध्या में आनंद उत्सव का शोर, ढोल ,मृदंग ,शंख बजे चहू ओर। अयोध्या में आनंद उत्सव का शोर, ढोल ,मृदंग ,शंख बजे चहू ओर।
उड़ाते थे अक्सर सबकी जो खिल्ली परेशां परेशां उन्हें देखते हैं। उड़ाते थे अक्सर सबकी जो खिल्ली परेशां परेशां उन्हें देखते हैं।
चन्द्र वंशी राजा दुष्यंत जाते हैं एकदिन शिकार को। चन्द्र वंशी राजा दुष्यंत जाते हैं एकदिन शिकार को।
मेघनाद ने मारी शक्ति, रण में लखन अचेत हुए। देख मूर्छित लखनलाल को, वानर भालु। मेघनाद ने मारी शक्ति, रण में लखन अचेत हुए। देख मूर्छित लखनलाल को, ...
होती है शुभारंभ चाय से... पीने से मिलेगा आनंद। होती है शुभारंभ चाय से... पीने से मिलेगा आनंद।
समझ नहीं आता खुद के बारे में खुद ही कुछ करने का समय कब होगा ? समझ नहीं आता खुद के बारे में खुद ही कुछ करने का समय कब होगा ?
मुझे विश्वास है तुम एक दिन ज़रूर लौटोगे और वह तुम्हारा अंतिम दिन होगा।। मुझे विश्वास है तुम एक दिन ज़रूर लौटोगे और वह तुम्हारा अंतिम दिन होगा।।
कतरन कतरन मेरी कविता ढलती रही हर रूप रंग में... कतरन कतरन मेरी कविता ढलती रही हर रूप रंग में...
एक स्त्री,जो आईने का एक पहलू है जैसे मिट्ठी के कण में मिली बालू हैं। एक स्त्री,जो आईने का एक पहलू है जैसे मिट्ठी के कण में मिली बालू हैं।
शस्त्र ओर शास्त्र के वो जानकार भगवान विष्णु के वो छठे अवतार। शस्त्र ओर शास्त्र के वो जानकार भगवान विष्णु के वो छठे अवतार।
विशेषज्ञता ज्ञान अनुभव और उपयोगी सलाह दीजिए विशेषज्ञता ज्ञान अनुभव और उपयोगी सलाह दीजिए
कफ़न तो पहना है हमने बस उनकी यादों का सूनी अँखियों के पैमानों का कुछ पता नहीं…? कफ़न तो पहना है हमने बस उनकी यादों का सूनी अँखियों के पैमानों का कुछ पत...
दिवस पावन मधुर बेला प्रभु श्रीराम आए हैं। मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं। दिवस पावन मधुर बेला प्रभु श्रीराम आए हैं। मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए ...