STORYMIRROR

Dr.Deepak Shrivastava

Classics

4  

Dr.Deepak Shrivastava

Classics

तिरंगा

तिरंगा

1 min
360

तिरंगा मेरी जान

तिरंगा मेरी शान

तिरंगा मेरी पहचान

तिरंगा लहराता

जब आसमान

सबको होता

अभिमान


एक सो पेंतीस करोड़

देशवासिओं

का मान सम्मान

हरा, सफ़ेद केसरिया

बीच मे चक्र

का निशान

बनाता तिरंगे

को महान

बनी रहे इसकी

शान जवान दे

देते बलिदान


आजादी की

पिचहतरवी वर्षगांठ

मना रहे हम

अमृत महोत्सस्व

लहराएं तिरंगा हर घर

करें इस पर अभिमान 

करते रहें हर वो काम

जिससे बड़े

देश का मान सम्मान

घर घर तिरंगा हर घर तिरंगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics