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Dr. Akansha Rupa chachra

Classics

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Dr. Akansha Rupa chachra

Classics

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

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भाई बहन का प्यार

बचपन की यादें ताज़ा करते

वो दिन भी क्या दिन थे


फ़र्श पर लेटे बतियाते

बड़ा चढ़ाकर कहानी, तुम सुनाते

कभी मैं रूठ जाती, तुम मनाते

पैसे बचाकर हार बालियाँ लाते

क्या सुहाने दिन हमारे थे


अब

शहर अलग

परिस्थितियाँ अलग

ज़िम्मेदारियाँ अलग

विचार अलग

रिश्ते वही

प्यार वही


ना जाने कहीं

है अंदर छिपी

माना हम बड़े हो गाए

राखी और भाईदूज

इन रिश्ते को फिर संवार जाते 

हैं बचपन की खट्टी-मीठी यादें,

मिठास इस रिश्ते में घोल जाते।


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