हमसफ़र
हमसफ़र
आपने लफ़्ज़ों में कभी कहा नहीं
पर आपसे छुपाया भी तो गया नहीं
और आपकी मुस्कुराहट के साथ
आपकी नजरें बहुत कुछ कह गई
आपने इक़रार कभी किया नहीं
पर आपसे इनकार भी हुआ नहीं
और आपकी छुवन के साथ
आपकी साँसें बहुत कुछ जता गई
आपने प्यार में कभी यकीं किया नहीं
पर आपसे नफ़रत भी तो हुई नहीं
और आपकी शरारतों के साथ
आपकी दोस्ती बहुत कुछ समझा गई
आपको ये सब झुठलाना मुश्किल नहीं
पर आपका झूठ से भी तो वास्ता नहीं
और आपकी आशिक़ी के साथ
आपकी बेपरवाई तक रास आती गई
हमसे आपको जुदा किया जाता नहीं
कभी रुसवा भी तो हुआ जाता नहीं
और हमारी दीवानगी के साथ
आपकी बेरुख़ी भी धीरे से घुलमिल गई।