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Karuna Atheya

Romance

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Karuna Atheya

Romance

जीवन लगता प्यारा

जीवन लगता प्यारा

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मोरपंखी स्वप्न सजते,

जब भी संग तुम्हारा। 

तब बहे प्रेम की धारा

जीवन लगता प्यारा।।


बनती, राधा मैं प्यारी,

तुम हो, कृष्ण मुरारी।

चाह तुम्हारी में प्रियतम!

बिसरी सुध-बुध सारी।।

चढे प्रीत का रंग तभी,

तन - मन भीगा सारा।।

जीवन लगता प्यारा.....।।


तुम बिन दुनिया है सूनी,

मेरा जीवन, तुम से। 

तुम से ही इतराना भी,

मेरा सब कुछ तुम से।।

डोर प्रीत की जब बाँधें,

देखूँ ख्वाब तुम्हारा।

जीवन लगता प्यारा....।।


होंठ लरज कर, मौन रहें

कहें भाव, पर सारा।

मोरपंखी स्वप्न सजते,

जब भी, संग तुम्हारा।।

ज्यों हो, निर्झर की धारा,

जीवन लगता प्यारा।।

साजन तुझ पर वारा,

तन मन मैंने सारा।

जीवन लगता प्यारा....।।


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