महसुस होता है
महसुस होता है
महसूस होता है
हर घड़ी अब अकेलापन,
साथ होकर भी कभी
लगता है ये अधूरापन,
बंट गया है प्यार मेरा
नहीं उसका ये गम,
कभी लगता है ये पल
जाए मेरे लिए थम,
बढ गयी है जिम्मेदारी
बढ़ गया है काम,
कभी तुम्हारे साथ मिले
गुजारने अकेले शाम।

