महबूबा का इंतजार
महबूबा का इंतजार
जबसे तू चली गई है जानेमन,
तेरे ही खयालों में डूब रहा हूं,
तुझे वापस पाने के लिये जानेमन,
दिन-रात मैं तड़प रहा हूं।
क्या कसूर था मेरा ओ जानेमन,
तेरी नफ़रत की आग में जल रहा हूं,
आ कर बूझा दे इस आग को जानेमन,
तेरे प्यार का प्यासा बन रहा हूं।
तू है तेरे प्यार की मूरत जानेमन,
तेरे प्यार की पूजा करना चाहता हूं।
भले ही तू माने के ना माने जानेमन,
मैं तेरे प्यार का दीवाना बन रहा हूं।
तस्वीर तेरी मेरे दिल में है जानेमन,
हर पल तेरा इंतजार कर रहा हूं,
"मुरली" के दिल में समा जा जानेमन,
तेरे प्यार की महफ़िल सजा रहा हूं।

