STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Drama Romance Fantasy

4  

Rajit ram Ranjan

Drama Romance Fantasy

मेरी याद आती नहीं तुम्हें...!

मेरी याद आती नहीं तुम्हें...!

1 min
229

पहले तो एक पल भी रह नहीं पाती थी वो मेरे बिना,

अब तो ख़ुश हैं वो अपनी दुनिया में,

हमको तनहा करके ख़ुद महफ़िलें सजाती है,

कैसे मान लूँ कि वो सच बोलती हैं, कि मैं भी तनहा हूँ...

भूलकर भी भूल नहीं पाता हूँ उन्हें,

कोई तो कर रहा होगा मेरी कमी पूरी,

तभी तो मेरी याद आती नहीं तुम्हें...!


देखा था कल उसे किसी के साथ बाइक पे,

चिपक कर बैठी थी,

पूछा जब काल करके मैंने कि

जो कल बाइक पे तुम्हारे साथ था,

कौन था वो?

उसने कहाँ कि मेरी दीदी का दोस्त था,

और फोन कट कर दिया,

घंटों -घंटों कभी बातें करती थी,

अब तो मेरी बातें भी अच्छी नहीं लगती उन्हें,

कोई तो कर रहा होगा मेरी कमी पूरी,

तभी तो मेरी याद आती नहीं तुम्हें...!


दोस्तों ये दिल का लगाना कोई खेल नहीं है,

ऐसा कोई आशिक़ नहीं जो मोहब्बत में फेल नहीं हैं,

दुनिया का दस्तूर हैं यही,

हर आशिक़ कि कहानी अधूरी रह गई,

किसी और दिल के साथ अब खेलेंगे वो,

उनकी मोहब्बत मुबारक उन्हें,

कोई तो कर रहा होगा मेरी कमी पूरी,

तभी तो मेरी याद आती नहीं तुम्हें...!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama