मेरी स्वतंत्रता
मेरी स्वतंत्रता
खिड़कियों कि दरारों से झाँकती मेरी स्वतंत्रता
अपने साथ अनेक समानताओं को लेकर
खड़ी है,वर्षों से मेरी राह देखती
झिलमिलाते सपनों के बीच खड़ी
खुशियों कि अथाह सागर लिए
दीवारों के पीछे खड़ा जीवन का उद्देश्य
सिसकियां ले रहा है
शीशे मे से देखती ये धूमिल होती आँखे
उन सबको
जो कभी मेरे अंदर समाये हुए थी
मुझे छोड़ वे आज बाहर खड़ी है
खिड़कियाँ ही मेरी अनुशासन का
प्रतीक बन गयी,
जिसे तोड़ना जैसे सर्वस्व छुटना है।