परिवर्तन
परिवर्तन
जीने के अंदाज को न बदलों
जीने को एक अरमान में बदलों
अपने दोनों हाथों से
एक नये आयाम में बदलों,
नव चेतन को
इस नव मन को
हर दिन के एक नये पल को
समय के हर सांस में बदलों,
बदल कर रख दो इस दुनियाँ को
बदले जहाँ तुम्हारे से
उस जीवन के हर मौसम को
अपने एक विश्वास से बदलों,
लेकर हथेलियों पर नवमन को
नया सवेरा, नया दोपहर हो
सीखने के इस नये स्वाद को
कोशिश करके एक बार तुम बदलों,
बदल सको तो बदल कर देखों
उड़ने को नया आकाश मिलेगा
कुछ करने का जज्बा मिलेगा
हौसलों से उड़ कर देखों
एक नया संसार मिलेगा,
कभी ना तुम्हें झुकना होगा
उस बेबस तकदीर के आगें
बन सकों तो पखेरू बनों तुम
शीश झुकाए संसार मिलेगा।