STORYMIRROR

Raja Sekhar CH V

Classics

3  

Raja Sekhar CH V

Classics

मेरी प्यारी माँ

मेरी प्यारी माँ

1 min
307

कितनी प्यारी हैं मेरी पूजनीय माँ,

माँ को दिनभर मैं खोजूँ यहाँ वहाँ,

जो जाऊँ मैं हरदम अब जहाँ जहाँ,

महनीय माँ की याद आए वहाँ वहाँ।


मुझे सबसे ज़्यादा जो दुलार करतीं,

मज़ेदार लज्जतदार पकवान बनातीं,

अपने ममतामयी हाथों से खिलातीं,

मुझे हर दिन नई नई कहानी सुनातीं।


हमेशा मेरा ख्याल रखतीं,

जो रूठूँ तो मुझे मनातीं,

मेरे बुखार में दवाई देतीं,

सही सेहत का इंतज़ार करतीं।


सुबह सुबह भजन गातीं,

जो हो सके मुझे पढातीं,

अच्छी बातें मुझे सिखातीं,

अपनी दर्द कभी न बतातीं।


मेरी प्यारी माँ बोलती हैं मीठे बोल,

मेरे लिए मेरी माँ हैं बेहद अनमोल,

कोई भी मुसीबत ले सकती हैं मोल,

माँ की निःस्वार्थ ममता सदा है अमोल।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics