मेरी मातृभूमि
मेरी मातृभूमि
उजाला हर अंधेरे के बाद है
कुछ भूल रहा हूँ कुछ याद है
बेरोजगारी एक अंधेरा है
रोजगार एक उजाला है
समय पर जो रोजगार पा जाए
वो बड़ा ही किस्मत वाला है
30, 35 और फिर 40 पार
बिना रोजगार
जीवन लगता है बेकार
उजाला हर अंधेरे के बाद है
कुछ भूल रहा हूँ कुछ याद है
अशिक्षा एक अंधेरा
शिक्षा एक उजाला है
समय पर जो कर जाए पढ़ाई
वो भी किस्मत वाला है भाई
पढ़ाई कभी नहीं जाती व्यर्थ
समझें तो निकलेंगे इसके कई अर्थ
एक अर्थ में इसके है आर्थिक
महीना चल रहा था कार्तिक
दिमाग में उपजा एक विचार
नहीं होने दूँगा मेरी पढ़ाई बेकार
मेहनत से सारा जीवन जोता है
लिखाई से लेखन कार्य भी होता है
उजाला हर अंधेरे के बाद है
कुछ भूल रहा हूँ कुछ याद है
निराशा छोड़ बढ़ा आशा की ओर
लिखने पर देने लगा जोर
निकाल मन से सारे डर
विषय चुना मातृभूमि पर
कुछ पंक्तियाँ -
हे मातृभूमि तुमको करता हूँ नमन
सदा कायम रहे चैन और अमन
सबसे सुंदर सबसे न्यारी
मेरी मातृभूमि है मुझे जान से प्यारी
मिटने न दूँगा तेरी शान
कर दूँगा जीवन बलिदान
तेरी गौरव गाथा है सबसे महान
जिसके आगे नतमस्तक सारा जहान
तू मेरी माँ है
मै बेटा हूँ तेरा
हर अंधेरे के बाद उजाला
और उजाले से ही होता सवेरा
उजाला हर अंधेरे के बाद है
कुछ भूल रहा हूँ कुछ याद है
मन में अच्छे विचार जब आएं
लिख डालो कुछ उपयोगी रचनाएं
सारे अवसाद भी हो जाएंगे दूर
जीवन होगा आनंद से भरपूर