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waseeq qureshi

Classics

4  

waseeq qureshi

Classics

मेरी माँ

मेरी माँ

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मेरी माँ के होंठों पे जब कभी हॅंसी खिलती है!

यक़ीन मानो मुझे दुनिया बड़ी हसीन लगती है!


वो जब सर पे, हाथ रखकर मुझे देती है दुवाएं!

दुनिया की हर मुश्किल बड़ी आसान लगती है!


कभी जब आँख लगती है, माँ की गोद में मेरी!

तो मानो रूह मेरी बाग़-ए-जन्नत टहलती है!


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