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Shafali Gupta

Abstract Others

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Shafali Gupta

Abstract Others

मेरी कलम

मेरी कलम

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मेरी कलम कहती है मुझसे 

बहुत दिनों से मुझे उठाया नहीं 

काग़ज़ पर अल्फाजों को जताया नहीं 

मैं तो तेरी हर दिल की बात को

काग़ज़ पर उतारने के लिए तैयार रहती हूँ

तेरे दर्दों को लिखने का साहस करती हूं 

फिर क्यूँ मुझसे नाराज है 

क्यूँ नहीं मुझे उठाती है ?

क्यूँ आज कल गुम हैं 

दिल के दरवाज़े तेरे बंद हैं 

मुझे बता मैं लिखूँगी तेरे दर्द की कहानी 

मैं तो हूँ ही इसलिए लिखती हूँ

सबकी जीवन की कहानी 

मुझमें ताकत है बड़ी तोड़ देती हूं मैं

हर फासले की कड़ी 

तेरी ताकत हूँ मैं मुझको तू भूल मत 

हमेशा मुझे याद रख सदा तेरे साथ हूँ 


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