STORYMIRROR

Shafali Gupta

Others

4  

Shafali Gupta

Others

शब्द

शब्द

1 min
325

मैंने जो आज कलम उठाने का साहस किया है

उसके पीछे मेरे शब्दो का हाथ है 

मेरे लिखने के पीछे मेरे शब्दो का साथ है 

जिसने मुझे दूसरों जोड़ा वो मेरे शब्द हैं 

मुझे जो मेरे मन से मिलाए वो भी मेरे शब्द हैं 

रिश्तों को तोड़ने वाले भी शब्द हैं 

रिश्तों को जोड़ने वाले भी शब्द है 

शब्द ही माँ का प्यार हैं शब्दो में ही पिता का आशीर्वाद हैं 

सम्भाल कर बोलो शब्दो को शब्दो का बाण हैं ऐसा जो निकल कर ना वापिस आएगा 

शब्दो से निकला हुआ बाण कई रिश्तो में आग लगाएगा 

शब्दो का हैं खेल निराला कोई ना इसके सामने टिकने वाला।


Rate this content
Log in