मेरी 333 कविता.....
मेरी 333 कविता.....


कल आज कल
जिंदगी का आधार
खुशी गम खुशी
दुनिया गोल है.....
दिन रात दिन
जिंदगी का आधार
प्यार नफरत प्यार
दुनिया गोल है.....
धरती आसमान धरती
जिंदगी का आधार
ईश्वर मनुष्य ईश्वर
दुनिया गोल है....
मैं और तुम
जिंदगी का आधार
मिलकर हुए हम
दुनिया गोल है.....
तनहाइयां और मिलन
जिंदगी का आधार
गम फिर क्यों
दुनिया गोल है.....
जिंदगी और मौत
जिंदगी का आधार
नश्वर है शरीर
दुनिया गोल है......
झूठ और सच
जिन्दगी का आधार
हंसते रहो हमेशा
दुनिया गोल है.....