मेरे उपवन के लाल फूल
मेरे उपवन के लाल फूल


इन फूलों का रंग लाल है
यह मेरे उपवन के फूल हैं
यह सब लाल रंग के हैं
इनकी रंगत मेरे से
मिलती जुलती है
मुझे लाल रंग पसंद है
इसीलिये इस दफा
मैंने लाल रंग के फूल ही
अपने उपवन में लगाये
यह लाल फूल भी
कभी शर्म से लाल हो
जाते हैं तो
कभी कभार गुस्से में भी
लाल हो जाते हैं
यह मेरा साथ देने के लिए
मेरी नकल करते हैं
यह मुझे समझाते हैं कि
कभी कभार
नाराजगी भी जरूरी है
कोई भी
चाहे वह तुम हो या हम
एक सी अवस्था में
नहीं रह सकते
आज खुश हैं तो कल दुखी
होना स्वाभाविक है
आज कोई दोस्त है तो
कल वह दुश्मन भी हो
सकता है
आज दिल में प्यार
का भाव उमड़ रहा है तो
कल मन गुस्से से भी
भर सकता है
कोई भी हमेशा
मुस्कुराता या
रोता हुआ नहीं रह सकता
प्रकृति को देखो और
इससे जितना सीखना
चाहो उतना उम्र भर सीखो
अपने घर के
उपवन में
फूल चाहे वह कैसे भी हों
अवश्य लगायें और
अपना प्रतिरूप उनकी
छवियों में ही कहीं
स्थापित हुआ पाये।