मेरे साथ न होकर भी मेरे साथ है
मेरे साथ न होकर भी मेरे साथ है
मेरे हर धड़कन में छुपी है तू,
मेरे हर साँसों में बसी है तू,
तू मेरे साथ नही है तो क्या हुआ,
मेरे एहसासों से सजी है तू।
मैं मोती तो मोती की माला है तू,
मैं अँधेरा तो मेरा उजाला है तू,
तू मुझे तन्हा छोड़ गयी तो क्या हुआ,
मेरे तन्हाई में मीठे शर्बत का प्याला है तू ।
हवा की रुख सा उड़ान है तू,
रूह की मेरे पहचान है तू,
तू मेरी परवाह नही करती तो क्या हुआ,
मेरे शरीर में बसी मेरी जान है तू।
हवा में उड़ती पतंग सी है तू,
फिजाओं में घुली मलंग सी है तू,
तू मुझे याद नही करती तो क्या हुआ,
मेरे सुबह शाम के ख्यालों में है तू।
मैं रास्ता हूँ मेरी मंजिल है तू,
मैं दरिया हूँ मेरा साहिल है तू,
तूने मुझसे रंजिश किया तो क्या हुआ,
मेरे चेहरे की उदासियों में है तू।
"दुआ-ए-अमित" है जहां रहे खुश रहे तू,
दुनियाँ के हर सुख को हाँसिल करे तू,
तूने मेरे दिल को तोड़ा तो क्या हुआ,
खुश हूँ मैं की दिल मेरा तोड़कर खुश है तू।

