मैं शायर तो नही हूँ, पर जिन्दगी के कुछ सीख लिखता हूँ, लबों पर आ गई जो वो गीत लिखता हूँ, जो कभी न खत्म हो वो मीत लिखता हूँ, मुझे कहते है "अमित" कभी न हो शिकस्त वो जीत लिखता हूँ।
बेवफा से वफा निभानें की मिली है सजा आशिक को, गहरी नींद में सोया है। .. बेवफा से वफा निभानें की मिली है सजा आशिक को, गहरी नींद में सोया है। ..
तू याद करके तड़पे हर पल हर लम्हे को करूँगा ख़ुदा से ये भी फरियाद नहीं तू याद करके तड़पे हर पल हर लम्हे को करूँगा ख़ुदा से ये भी फरियाद नहीं
कोई कहे राम कोई रहमान कोई मनाये दीवाली कोई रमजान। कोई कहे राम कोई रहमान कोई मनाये दीवाली कोई रमजान।
किसी को अगले पल की चिंता है, कोई अपनी करनी पर शर्मिंदा है। किसी को अगले पल की चिंता है, कोई अपनी करनी पर शर्मिंदा है।
खुश हूँ मैं की दिल मेरा तोड़कर खुश है तू। खुश हूँ मैं की दिल मेरा तोड़कर खुश है तू।
बेटी ही आँगन की किलकारी है और बेटी ही पिता के सर का ताज है। बेटी ही आँगन की किलकारी है और बेटी ही पिता के सर का ताज है।