Arunima Bahadur

Romance

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Arunima Bahadur

Romance

मेरे प्रियतम

मेरे प्रियतम

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छूकर चले जाते हो हवा के झोंके की तरह

स्वप्न में आ गुनगुना जाते हो भवरे की तरह

कौंन हो तुम हे प्रियतम!

अपनो से भी कुछ ज्यादा लगते हो मेरी ही तरह

बात खामोशियो में करते हो

कभी नैनो से भाषा बयां कर जाते हो।

एक दिन आ यूँ झकझोर जाते हो

रह जाता है यह पुष्प फिर फुहार बिना

आना है तो रोज आओ

मिलन के गीत कुछ गुनगुनाओ

मत तरसाओ सावन की फुहारों के बिना

जीवन चलता नही तुहारी आहटों के बिना

तेरी मीठी मधुर सी बातें 

मेरी खुशियो की सौगाते

हे परमात्मा तू ही तो प्रियतम

मीत हो मेरा ,रहते मेरे दिल मे संगीत की तरह!


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