मेरे ख्वाब-मेरी उम्मीद
मेरे ख्वाब-मेरी उम्मीद
बुरे ख्वाब नींदे तोड़ते थे इस कदर मेरी,
कि तन-बदन में हलचल होती थी मेरी,
संभाला मेंने कुछ इस कदर अपने को यारो,
बांधा अपने ख्वाब को मेंने उम्मीदों की डोर से,
था यकीनन ये सिर्फ बुरे ख्वाब हैं अपने,
जोश, जुनून लगन से बदलूंगा मैं इनको,
माना कदम है मेरे जमीं पे,
पर नजरें है आसमां पर,
इतना तो यकीन रखता हूं,
बुरे ख्वाबों को बदलने का जज्बा रखता हूं,
जुनून जब चढ़ता है बेहिसाब इस दिल में,
ये जिद्दी दिल-दिमाग भी कहां थकता है मेरा,
बदल दूंगा ये बुरे ख्वाब भी अपनी मेहनत से,
यारो इतना तो यकीन रखता हूं।
