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Vijay Kumari

Abstract Romance Fantasy

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Vijay Kumari

Abstract Romance Fantasy

मेरे हमसफ़र

मेरे हमसफ़र

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तुमसे

मिलने का

अहसास है ऐसा

पतझड के बाद

 बहार जैसा।


तुमसे 

 मिलने का

 अहसास है ऐसा

भटकती नाव का

 किनारे लगने जैसा

तुमसे 

मिलने का

 अहसास है ऐसा

 तपती धरती के बाद 

 बरसात जैसा।

 

तुमसे

मिलने का

अहसास ऐसा

प्यासे चातक को

वर्षा की बूंद मिलने जैसा।


तुमसे 

मिलने का 

अहसास है ऐसा

बता नहीं सकते हम 

और है कैसा-कैसा ?


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