मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
मेरे हमसफर, मेरे हमनवाँ,
तुम्हारे साये में जन्नत सा महसूस होता है मुझे,
तुम बिन जिंदगी बेज़ार सी लगती है,
तुम हो तो मेरी साँसो को आराम सा रहता है,
तुम हो तो मेरी जिंदगी रोशन चराग सी होती है,
तुम हो तो अमावस की रात पूनम के चाँद सी है,
तुम नहीं तो मेरा जीवन ढलती शाम सी,
क्या कहूँ कि मेरे लिए क्या हो,
तुम मेरे शब्दों का अर्थ नहीं पूर्ण विराम हो
मेरे सोलह श्रृंगार की रौनक बस तुमसे है
मेरी मुस्कुराहटों में नूर तुमसे है,
मेरी मन्नतों का सबब हो तुम।