मेरे दर्द में अपना दर्द मिला द
मेरे दर्द में अपना दर्द मिला द
चाहता है दिल, मुझ से प्यार कर
आँखों में आँखें डाल, इकरार कर
पा लूं तुझे मैं, जिन्दगी हार कर
बस ऐक बार, प्यार का इजहार कर
तेरे बिन सब कुछ है बेकार
जिए कैसे हम मन को मार
पाकर रहेगें तुझे इस बार
बस करना मत तू इन्कार
प्यार के गीत सुनाती हो
बैचेन कर चली जाती हो
न आने की कसमें खाती हो
पर सपनों में रोज आती हो
दिल मेरा धड़कता है
कहने से फिर डरता है
कभी रोवे कभी हँसता है
फिर भी तुम पे ही मरता है
अब ऒर हमें ना तरसाओ
बस करो अब मान भी जाओ
एक कदम आगे बढाओ
सीने से हमारे लग जाओ

