मेरे बाद..
मेरे बाद..
मेरे बाद..
बचेगा भी क्या
मेरा सा
तुम्हारे पास,
सिर्फ कुछ शब्द
और.. न खत्म होने वाली शिकायतें ही न !!
सुनो..
मत होना उदास
मेरे बाद ,
रहना व्यस्त ऐसे ही
ठीक अब की ही तरह !!
जब कभी..
अलटते-पलटते अपनी कविताएं
छू जाएंगी तुम्हारी उंगलियां
मेरे किसी "शब्द" को ,
मुझे पता है
तुम बरबस ही भीग जाओगे भीतर तक ,
फिर कहोगे खुद से
"वो भी न
कैसी नालायक थी"
एक शब्द सही से नहीं लिखा "
..और डांटोगे प्यार से ,
और तब
उस दिन सबसे ज्यादा याद आऊंगी मैं तुमको !!