"मेरे बाबा" (दादाजी)
"मेरे बाबा" (दादाजी)
उंगली पकड़ जब साथ तुम्हारे चलती हूं,
देख नजारा गांव का सीना ताने चलती हूं।
जिद्दी हूं पर साथ में जिद्दी तुम बन जाते हो,
बचपना देख मेरा, तुम खुद बच्चे बन जाते हो।
पोचे जब लगती हूं, दबे दबे पैर आ जाते हो,
देखकर तुम मेरा गुस्सा, चप्पल उठा ले जाते हो।
नाराज मैं जब भी तुमसे कभी हो जाती हूं,
मेरे पसंदीदा चिप्स, कुरकुरे ले आते हो।
रसोई में बनाया बेस्वाद खाना चख लेते हो,
टेडी मेडी मेरी रोटी मीठी कहकर खाते हो।
मनमानी से अपनी ,ना मानो जब तुम मेरा कहना,
डाँट लगाती हूं मै तुम कहते बस कर मेरी दादी माँ।
बीमार जब पड़ती हूं, भागे डॉक्टर को बुलाते हो,
डॉ. का कहना it ok, सांस में सांस के आते हो।
तुमसे मेरा बस यही कहना, साथ चलना हमेशा,
मैं डाँटू दादी बनके, तुम बच्चों जैसे सुनते रहना।