उड़ान
उड़ान


हौसलों में उड़ान होती है
किसी पंखों की नुमाइश
होती है,
बेहतर वह इंसान होता है
जिसे स्वयं ने नहीं आंका
तारीफें ईद, गिर्द होती है
आग से पक कर ही
मिट्टी ईंटों से मकान
मजबूत करती है
"लोग क्या सोचेंगे"
यह छोड़कर अपना
सपना पूरा किया
जगत में हुई हँसी तो
क्या?
वही लोग मुलाकात
करके घर आयेंगे
छोड़ने तुम्हें घर
तक आएंगे
रख फैसला अपना
तू मर्जी का
थोपना किसी और पर।