STORYMIRROR

Kumar Kishan

Romance

2  

Kumar Kishan

Romance

मेरे अल्फाज

मेरे अल्फाज

1 min
145

    

ये मजबूरियाँ, ये दूरियाँ

और हालात की जंजीरों से

बंधे दो तड़पते दिल

क्या करे ?...

विवश हैं, मजबूर हैं

कभी एक तड़पा था, दूसरे के लिए

आज दोनों तड़प रहे हैं

एक दूजे के लिए,

पर इनका मिलन होगा

जरूर होगा...

जानते हैं कैसे?

ये मजबूरियाँ,ये दूरियाँ

कब तक इन्हे रोकेंगी ?

और, जरिया बनेगी

इनकी बेपनाह तड़प

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance