मेरा मनोबल
मेरा मनोबल
कहता है मेरा मनोबल, तू आगे बढ़, तू आगे बढ़।
छूटते हैं हाथ, टूटते हैं साथ अपनों के तू प्रवाह मत कर,
कहता है मेरा आत्मबल तू आगे बढ़ तू आगे बढ़।
टूटते हैं कईबार सपने
छूटते हैं अक्सर अपने
पर
टूटने नहीं देता मैं अपनी आस
यही रखकर विश्वास कहता है
मेरा मनोबल तू आगे बढ़ तू आगे बढ़
आते हैं कईबार कमजोर पल,
तोड़ते हैं, खंगोलते हैं मुझे,
गिराते हैं मेरा मनोबल कहके की मेरे संग चल,
टूटता नहीं सुदर्शन हौंसला कभी मेरा, देता है दृढ़ता का हर पल ,
यही कहता है मेरा मनोबल तू आगे बढ़ तू आगे बढ़।
परेशानियां भी डालती हैं कई बार दल दल में
पर निकल जाता हूँ प्रयास करके,
देखने को आने बाला सुनहरा कल,
यही कहता है मेरा आत्मबल
तू प्रयास कर प्रयास कर।
बीत रहा है भाग जीवन
का सुदर्शन, नहीं लौटकर आयेगा,
जिसने इसका मुल्य न जाना
आखिर पछताएगा, उसका ख्याल कर, ख्याल कर,
यही कहता है मेरा मनोबल,
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़।