नया भारत
नया भारत
हर जगह पर तहलका हमारा होगा
तूफां में भी तिरँगा लहराता होगा
तुम देना सिर्फ़ हमारे हाथ में हाथ
हिमालय पर्वत भी हमसे छोटा होगा
मैं फौजी हूं,
तिरँगे से ही खाता रोजी रोटी हूं
तिरंगे को मेरा,
हर सांस सुमन समर्पित होगा
हर जगह तहलका हमारा होगा
हिंदी, बंगाल, उड़िया, पंजाबी आदि से
ये मेरा भारत फ़लक तक ऊंचा होगा
आग लगाने वालों को देना है,
अब जवाब,
अब इस वतन की मोहब्ब्त से,
हर गद्दार का सर कलम होगा
मज़हब भले हमारा अलग है
पर लहुँ तो एक ही है
अब नये भारत मे केवल,
तिरंगा ही हमारा मज़हब होगा
हर जगह तहलका हमारा होगा
तूफां में भी तिरंगा लहराता होगा
बस ख़ुद के स्वार्थ को छोड़ दो
नफ़रतों का रेगिस्तान भी तब,
खिलता हुआ गुलबदन होगा।