एक आशिक़ था
एक आशिक़ था
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देश को बचाने घर से निकला था वो
बारूद की आग में जल गया था वो
यहाँ तू प्यार से मिलने को बेताब था
वहाँ आग से होली खेल रहा था वो
तू यहाँ बड़े आराम से सो रहा था
तेरे लिए दुश्मनो से लड़ रहा था वो
तू यहाँ खुद के लिए भी नहीं मर सकता
तेरे लिए वहाँ बॉर्डर पे मर रहा था वो
एक जवान के जज्बात तू क्या समझेगा
प्यार करने वाला एक आशिक़ था वो।