अमर प्रेम
अमर प्रेम
जब दिल में
नफरत की झाड़ी
उग जाती है
जो हर पल हर
किसी को चुभती है
जिससे हम भी
हर पल दर्द में
रहते है और
सभी को दर्द
देते है
क्यो न हम दिल
से नफरत की
झाड़ी की सफाई करें
और दिल को साफ
करके वहाँ
प्रेम की बुवाई
कर दे
जब भी प्रेम
के पौधे आयेंगे
तो सारा दिल प्रेम
के फूलों से भर
जायेगा
और चारों ओर
कभी न खत्म
होने वाली प्रेम
की खुशबू
छोड़ जायेगा
ये खुशबू
हर किसी को
हमारे अमर प्रेम की
एफ में हमेशा महकती
रहेगी
तुम करोगे
न ऐसा अमर
प्रेम मुझे...
