मदहोशी
मदहोशी
कभी खुद के लिए भी झूम लो,
एक बार ज़िन्दगी खुद के लिए भी जी लो,
इस मतलब की दुनिया में क्या खोजने निकले हो,
खुद को खो कर किसी को पाने निकले हो,
सच्चे प्यार में अक्सर आंखें नम होती है,
इस दुनिया में हर रिश्ते की अपनी ही शर्त होती है,
लाख संभाला उस शीशे को,
पर बिखर के टुकड़े हो ही गया,
बड़ी मेहनत से पिरोया रिश्ते की माला को,
पर हर रिश्ता मोती की तरह बिखर गया,
अच्छा बुरा कोई नहीं होता,
अच्छा बुरा तो हमें हालात बना दिया करते है,
हालात ही फकीर को राजा,
और राजा को फकीर बना दिया
करते है,
वो उम्र भर साथ निभाने का वादा कर,
बीच रास्ते ही हमारा साथ छोड़ गया,
वो क्या समझता हमारे जज्बातों को,
वो तो हमारे आसुओं को भी पानी कह गया,
अक्सर बड़ी भूल,
सबक भी बड़े दिया करते हैं,
जिस चीज को हद से ज्यादा चाहो,
वही गहरे ज़ख्म दिया करती है,
उन पर भरोसा भी हमने ही किया,
इस लिए उनके दिए दर्द चुप चाप सह गए,
वो जाना चाहते थे हमारी ज़िन्दगी से,
हम भी मुस्कुरा कर उन्हें अलविदा कह गए,
अब हम फिर कभी किसी मोड़ पर ना टकराए,
वो बीते लम्हे फिर कभी ज़िन्दगी में ना आए।