"मौसम "
"मौसम "
आज मौसम की बात कहें तो बड़ा सुहाना लगता है,
कभी अपना तो कभी बेगाना लगता है।
बारिश की ये बूंदे दिल को लुभाती है,
और मौसम की नई दास्तान सुनाती हैं।
कभी सुबह तो कभी शाम आती है,
बारिश की वो बात याद आती है।
कभी दुख तो कभी सुख आता है,
अंधेरे रातों का वो याद, याद आता है।
अंधेरी रात और उसकी तन्हाई,
पुरानी यादों को देती है सुनाई।
आज मौसम की बात कहें तो बड़ा सुहाना लगता है,
कभी अपना तो कभी बेगाना लगता है।