मैरी कॉम
मैरी कॉम
स्वयं की प्रतिभा और हुनर के दम पर इतिहास रचाया,
भारत ही नहीं संपूर्ण नारी जाति को गौरवान्वित किया,
मुफ़लिस भी रोक ना पाई जिसके बढ़ते हुए कदमों को,
मैरी कॉम वो नाम, जिसने खुद अपना आसमां बनाया।
आर्थिक रूप से कमज़ोर गरीब कृषक का था परिवार,
जन्मी जहांँ ऐसी प्रतिभा, जिसे जाने आज पूरा संसार,
किसी प्रकार होती थी गुजर-बसर खेतों में करके काम,
कदम-कदम पे कितनी चुनौतियांँ फिर भी न मानी हार।
पांँच भाई बहनों में सबसे बड़ी सभी का ख़्याल रखती,
पढ़ाई के साथ खेतों में माता पिता का हाथ भी बंटाती,
माता थी मांगते अक्हम कोम, पिता मांगते तोंपा कोम,
जिनकी बेटी मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम बड़ी निडर थी।
शिक्षा पर आर्थिक स्थिति को कभी होने न दिया हावी
बचपन से ही खेल-कूद में रूचि, किरदार बड़ी मेधावी,
ख़्वाब एथलीट बनने का फुटबॉल बखूबी खेला करती,
दृढ़ विश्वास से ढूंँढ निकाली सुनहरी किस्मत की चाबी।
मणिपुर में जन्मी बॉक्सिंग चैंपियन की अजब कहानी,
एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट का प्रभाव हुआ सुनामी,
जिसने बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं भाग कभी लिया नहीं,
उसने बॉक्सिंग क्षेत्र में, अपना कैरियर बनाने की ठानी।
सामने खड़ी थी कई चुनौतियांँ माता-पिता नहीं तैयार,
बॉक्सिंग पुरुषों का खेल महिला को कैसे करे स्वीकार,
ऐसे में कैरियर बनाना था किसी इम्तिहान से कम नहीं,
किन्तु फौलादी थे इरादे उसके हर बाधा को किया पार।
बिना बताए परिवार को ट्रेनिंग शुरू की मुक्केबाजी की,
प्रेरणा मिली मुक्केबाजी देख लड़कों संग लड़कियों की,
हर हाल में पाना है लक्ष्य अपना, ये वादा किया स्वयं से,
यहीं से शुरू हुई, चुनौतियों भरी यह यात्रा मैरीकॉम की।
प्रथम चैंपियनशिप की जीत से हौसलों को मिली उड़ान,
मुक्केबाजी क्षेत्र में, मैरी कॉम की तब बनी एक पहचान,
एक के बाद एक कितने गोल्ड मैडल करती गई हासिल,
संपूर्ण विश्व में भारत को किया गौरवान्वित बढ़ाया मान।
शानदार मुक्केबाजी हेतु, मिले अनेकों पुरस्कार, सम्मान,
लिम्का बुक रिकॉर्ड में पीपल ऑफ द ईयर दर्ज यह नाम,
वर्ल्ड बॉक्सर चैंपियनशिप खिताब नाम हैं इनके कई बार,
महिलाओं के लिए, है प्रेरणा मैरी कॉम, है अलग पहचान।
समाज की धारणा को, मैरी कॉम ने गलत साबित किया,
पुरुषों के बराबर ही महिला भी, समाज को ये बता दिया,
हौसला अगर बुलंद हो महिला किसी मायने में कम नहीं,
बॉक्सिंग में कैरियर बनाकर, नारी जाति को संदेश दिया।
विश्व की सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का, सराहनीय हर किरदार,
पत्नी बेटी मांँ का फ़र्ज़ निभाया, रोकी ना अपनी रफ़्तार,
सलाम है इनके जज्बे को, जिसने कभी हिम्मत ना हारी,
कृषक की इस बेटी मैरीकॉम को जाने आज पूरा संसार।