मैंने तुमको जब जब देखा
मैंने तुमको जब जब देखा
मैंने तुमको जब जब देखा
खिलते देखा,
मैंने तुमको जब जब देखा
खुद से मिलते देखा,
मैंने तुमको जब देखा दिल से देखा,
मैंने तुमको जब देखा दिल में देखा।
मैंने तुमको मुस्कुराते देखा, हँसते देखा
मैंने तुमको हर समय अपने अन्दर समाते देखा!
हाँ! मैंने हर पल तुझे अपना बनाते देखा
हर समय तुझे मोहब्बत के गीत गुनगुनाते देखा
प्यार की मोती चुनते देखा, इश्क की चादर बुनते देखा
हाँ! मैंने तुझे अपने दिल के आँगन में हर पल घूमते देखा
जितना तुझे बाहर देखा उससे कहीं ज़्यादा अंदर पाया
जितना तुझे हंसाना चाहा उससे कहीं ज्यादा हँसते देखा
जितना मैंने खुद को लुटाया उससे कहीं ज्यादा मैंने वापस पाया ।
हाँ! मैंने तुमको पाया। मैंने सबकुछ पाया।
जितना मैंने खुद को विरह में पाया उससे
कहीं ज्यादा विरह में तुझे, मेरे बिन जीते पाया
हाँ! मैंने तुमको मेरे लिए तड़पते देखा
हाँ! तुझे मैंने मेरे लिए जीते देखा
हाँ! मैंने तेरी आँखों में प्यार की अथाह सागर देखा,
तेरी स्नेह में सुरा का गागर देखा
हाँ ! मैंने तुझे मुझ में देखा,
तुझे खुद में पाते देखा।
अपनी दिल में तुझे हर पल बसाते देखा
हाँ ! मैंने तुझे अपना हर समय बनाते देखा
तुझे हर पल खुद से चुराते देखा
हर समय तुझे मुझ में छिपते देखा
तुझे हर समय शरारत भरी शराफत करते देखा,
हाँ! तुझे मैंने मस्ती में देखा
अपने दिल की बस्ती में देखा
हाँ! मैंने तुझे हर पल मुझमें जीते देखा
मेरे लिए जीते देखा।
मैंने तुझमें जो भी देखा बखूबी देखा ।
हाँ मैंने तुझे बखूबी देखा।।