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Mayank Kumar

Romance

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Mayank Kumar

Romance

मैं तुझमें रहूं जिंदा

मैं तुझमें रहूं जिंदा

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मैं तुझमें रहूं जिंदा

इस कदर कि, मैं दुनिया की

साजिशों से, रहूं बेख़बर 


 मैं तुझ में खोया रहूं

 तुम मुझ में डूबे रहो

 नज़रों में हो जाए

 सारे हिसाब पूरे

मैं तुझमें रहूं जिंदा..


 एक चंदा हो

 वह आधा हो

 जिस के छांव में 

 हम पूरे हों

 जो बिखरे हैं

 ख़्वाब हमारे

 वह फिर से निखरे

मैं तुझमें रहूं जिंदा..


 मैं तेरा रहूं हरदम

तुम मेरी रहो हरदम

 मैं तुझ में रोज सो जाऊं

 तुम उठो रोज मुझ में

 मैं खुद में खुद से हैरान रहूं

 तुम ऐसे पुकारो खुद में

मैं तुझमें रहूं जिंदा !



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