मैं सब सुन लूंगा
मैं सब सुन लूंगा
क्यों विचलित, हो कोई बात हो,
तो कह दो, मैं सब सुन लूंगा,
तेरी मनोभावों को समझकर,
तेरी राह के हर काँटो को चुन लूंगा...
बह जाने दो इन अश्कों के सैलाब,
इन मोतियों को मैं चुन लूंगा,
एक-एक करके इन सबको,
प्रेम के गाढ़े रंग में मैं रंग दूँगा..
थम जाने दो इस तूफान को,
बह जाने दो दर्द के इस उफान को,
कह दो तुम और मन हल्का करो,
मन की बातों को और मन में न भरो,
मेरी बातों को सुन लो,जो बात है कह दो,
मैं सब सुन लूंगा, मैं सब सुन लूंगा।