"मैं फिर भारत में आऊँगा"
"मैं फिर भारत में आऊँगा"
गम ना कर माँ मेरी मैं फिर भारत में आऊंगा ।
लेकर जनम कोख से तेरी, तेरा लाल कहाऊँगा ।।
क्या हुआ जो नाम देश के, अपनी जान ये कर दी है ।
दुश्मन की सारी कोशिशें ही नाकाम ये कर दी है ।
लेकर नया जनम फिर से दुश्मन को धूल चटाऊंगा ।।
क्यों रोती है बहना तेरे आंसू व्यर्थ ना जायेंगे ।
तेरी राखी वाली कलाई बनकर के मैं आऊंगा ।
कृष्ण बन तेरी करूँगा रक्षा भाई का फ़र्ज़ निभाऊंगा ।।
भुला नहीं हूँ सजनी मैं तेरी मांग की लाली को ।
बिंदिया, चूड़ी, बिछुवे , पायल फिर से तुझे पहनाऊंगा ।
बनकर के सिंदूर तेरा तेरी मांग मैं फिर से सजाऊंगा ।।
अब है वक़्त बिदाई का मुझे हंसी-ख़ुशी विदा कर दो ।
वंदे मातरम् कह के देश की माटी मस्तक पर धर दो ।
फिर आऊँगा देश मेरे माटी का क़र्ज़ चुकाऊंगा ।।
लेकर जनम कोख से तेरी तेरा लाल कहाऊँगा ।
गम ना कर माँ मेरी मैं फिर भारत में आऊंगा ।।