मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ


हाँ मैं नारी हूँ,
परिवार की उम्मीद, जीवन का हर ख्वाब,
रिश्तों की शान, अपनों का मान,
दीये की ज्योति, जो रोशन कर दे घर को,
वो मिट्टी जो ढल जाये, किसी भी रूप में,
हाँ मैं नारी हूँ।
मेरे बिना यह घर है अधूरा,
मैं बिना कोई काम न हो पूरा,
फिर भी अधिकार नहीं मेरा घर में,
सब सह जाती हूँ, नहीं कहती कुछ भी,
हाँ मैं नारी हूँ।
प्रेम का बंधन, जीवन का आगाज मुझसे,
खुशियों का संसार, जीने का आधार मुझसे,
ममता का प्यार, हर त्याग मुझसे,
हाँ मैं नारी हूँ।